Tuesday 16 July 2013

सुख -दुःख


दिन के उजाले  में लोग भूल जाते है काली रात को 
काली रात फिर आएगी ,तुम याद रखकर तो देखो।

रौशनी के आने पर ,तम भाग जाता है
गम को भुलाकर एकबार, हंसकर तो देखो।

तुम को  दुखी देखकर ,दुखी है अपने सारे 
उनके दुःख का भी एहसास  कर तो  देखो।

चाहत अनंत है ,हर चाहत पूरी नहीं होती 
यकीन न हो तो दोस्तों से पूछकर तो देखो।

शरीर का घाव अपने आप भर जायेगा 
जरा अंतर्मन का घाव को ,भुलाकर तो देखो।

दुनियाँ  रंगीन है , गम के साथ खुशियाँ  है बेसुमार 
जरा गम के दुनियाँ से बाहर, आकर तो देखो।

इस  जिंदगी में न कोई सदा दुखी, न कोई सदा सुखी
दुःख से ही सुख का एहसास है , सोचकर तो देखो। 

कर्मफल का "प्रसाद " मिलता सबको है जिंदगी में 
कभी तुरंत कभी देर से, जरा धीरज धर के तो देखो।



कालीपद "प्रसाद "


©सर्वाधिकार सुरक्षित




37 comments:

  1. सार्थक हिदायतें देती आत्मीय सी रचना ! बहुत सुंदर !

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  2. sahi kaha....dono ek dusre kay purak hain.....sundar rachna

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  3. सुन्दर सीख देती रचना !!

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  4. बहुत बढ़िया रचना...

    सादर
    अनु

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  5. क्या बात है, बहुत सुंदर

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  6. सुंदर सीख

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  7. बहुत सुन्दर रचना।

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  8. वाह लाजवाब गजल.

    रामराम.

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  9. ब्लॉग बुलेटिन के टीम का ह्रदय से आभार

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  10. बढ़िया सार्थक प्रस्तुति आदरणीय बहुत- बहुत बधाई

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  11. बढ़िया सीखों भरी रचना !

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  12. behatareen prastuti ke liye aabhar sir ji .....hr pnakti me goodh sandesh mila.

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  13. बहुत उम्दा,सुंदर सृजन,,,वाह !!! वाह क्या बात है,,,

    RECENT POST : अभी भी आशा है,

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  14. शुभप्रभात
    बहुत ही सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति
    और सशक्त गजल
    बहुत-बहुत बधाई
    सादर ....

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  15. शुभप्रभात
    इस जिंदगी में न कोई सदा दुखी, न कोई सदा सुखी
    दुःख से ही सुख का एहसास है , सोचकर तो देखो
    कोई एक ही मिले तो इंसान पागल हो जायेगा
    बहुत ही सुंदर ज्ञानवर्द्धक और सार्थक अभिव्यक्ति
    सादर ....

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  16. कर्म फल ही हमारा प्रालब्ध है हासिल है बढ़िया प्रस्तुति .

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  17. सटीक और सार्थक रचना .... सुख दुख आते जाते रहते हैं ।

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  18. बहुत ही सुन्दर और सार्थक रचना..ाअभार

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  19. हंसना आवश्यक है ..
    बढ़िया बढ़िया भावाव्यक्ति पर !

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  20. सच कहा है गम की दुनिया से बाहर आने पे खुशी जरूर मिलती है ...
    लाजवाब ...

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  21. सुन्दर सीख देती हुयी पंक्तियाँ..

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  22. यही धीरज तो खोता जा रहा है इंसान...

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  23. सुख दुःख लगे रहते है जीवन में ..संभव जरुरी है जीने के लिए ...
    बहुत सुन्दर रचना

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  24. सुंदर प्रस्तुति ।।।

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  25. बढ़िया प्रस्तुति कर्म छाया की तरह संग चलता है .जो कुछ आज घाट रहा है हमारे साथ वह परिणाम है पूर्व कर्मों का .कर्तं सो भोग तम .कार्य कारण सम्बन्ध है यहाँ भी .बढ़िया दर्शन लिए है पोस्ट .

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  26. शिक्षाप्रद पंक्तियाँ ......!!

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  27. जीवन जीने की सीख सिखाती बेहतरीन गजल
    बहुत सुंदर
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर

    आग्रह है
    केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे--------

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  28. एक मकसद एक मंजिल लिए है यह गजल एक पैगाम भी

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  29. sundar prastuti , ak sandeh bi hai yah gazal

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  30. जिंदगी का फलसफा समझाती गज़ल । बहुत सुंदर ।

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  31. बहुत सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति...

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  32. Nice information
    htts://www.khabrinews86.com

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