Monday 2 December 2013

वो दूल्हा....


                                           


वो दूल्हा कहाँ से लाऊं ,जो तुम्हे पसंद हो 
देवों के लिए नहीं, मापदंड इंसान के लिए हो |

कहने के लिए देव हैं, पर हैं सब सूरा प्रिय 
शराब से नफरत है,चाहती हो दूल्हा शराबी न हो |

सुन्दर हो ,कमाऊ हो ,मृदुभाषी हो, स्वलम्बी हो
 सबसे पहले स्वभाव चरित्र से एक अच्छा इंसान हो |

सर्वगुण सम्पन्न हो,मानव में यह सम्भव नहीं 
मानव का अवगुण हो ,पर दहेज़ का लालची न हो |

गर सपना अपना पूरा न कर पाया, सत कर्मों से
दहेज़ से भरपाई करने की, उनकी चाहत न हो |

जिसने कहा पति परमेश्वर है ,गलत कहा है 
पति न देव हो ,न दैत्य हो ,पत्नी जैसा एक इंसान हो |

तुम्हे जो पसंद है ,वो मिले तो अच्छा है 
उससे अच्छा वो है ,जो तुम्हे चाहता हो |

दुल्हों का बाज़ार लगा है ,बिकने के लिए सब बैठे हैं 
कोई ऐसा दूल्हा है क्या ? जो बिकने के लिए राजी न हो |

वही होगा स्वाभिमानी ,होगा सच्चा हम सफ़र 
खास हो या आम हो ,पत्नी के मान का रक्षक हो |

सूरत अच्छ हो पर सीरत उससे अच्छा हो 
वह 'आम' हो पर 'आम ' में वह 'खास' हो |


कालीपद "प्रसाद"

©सर्वाधिकार सुरक्षित

29 comments:

  1. हमारे ही परिवेश की विडंबना को प्रबिम्बित करती पंक्तियाँ .....

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  2. सही मायने में दूल्हा खोजना सबसे मुश्किल काम है ....परेशानी को बयां करता सटीक पोस्ट है

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  3. बड़ी दुकानें हैं सजी, जा सीधे बाजार |
    ढूँढे दूल्हा ना मिले, जाकर वहाँ निहार |

    जाकर वहाँ निहार, हार इक मस्त खरीदें |
    लख लखपति पति एक, जाग जाती उम्मीदें |

    किन्तु भरी नहिं मांग, मांग के अपने माने |
    जाय हार भी हार, हार से बड़ी दुकानें ||

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    1. दोहे के माध्यम से आपके सुन्दर टिप्पणी के लिए आभार !

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  4. बढ़िया......
    कहाँ से लायेंगे मगर ऐसा वर ???

    सादर
    अनु

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  5. वाह !सटीक टिपण्णी दूल्हों के बाज़ार पर इंसानी फितरत पर।

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  6. सर , बहुत ही बढ़िया बात कही है आपने , कि न तो देव हो , न दैत्य हो , पत्नी जैसा एक इंसान हो , यानि कि जैसे पत्नी श्री समर्पण का भाव रखती है , वैसे ही बिल्कुल , आदरणीय बहुत बढ़िया , धन्यवाद
    नया प्रकाशन --: अपने ब्लॉग या वेबसाइट की कीमत जाने व खरीदें बेचें !
    ॥ जै श्री हरि: ॥

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  7. बहुत सुंदर सटीक उत्कृष्ट रचना ....!
    ==================
    नई पोस्ट-: चुनाव आया...

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  8. सटीक और जीवन्त रचना।

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  9. बहुत सुन्दर रचना....
    :-)

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  10. Bahut Sundar..Bahut Utkrisht Sir.

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  11. bahut mushkil hai aaj ke daur mein... Sateek abhivyakti

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  12. ऐसा दूल्हा मिल जाये तो दुल्हन की किस्मत चमक उठे। … सुन्दर अभिव्यक्ति दादा

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  13. बहुत सुन्दर रचना .. बहुत सटीक चोट ...

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  14. wah man gaye apko......par sach baat tho ye hai.....aisa insan bhagwan ney banana band kar diya hai

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  15. दूल्हा वही हो जो आम होकर खास हो .सुन्दर अभिव्यक्ति

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  16. बहुत ही सशक्त अभिव्यक्ति.

    रामराम.

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  17. चिराग हाथ में लेकर ढूंढना पड़ेगा ऐसा दूल्हा ....सच में बहुत कठिन है बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    रचना के माध्यम से जबरदस्त कटाक्ष किया है

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  18. सच में मनचाहा दूल्हा कहाँ से मिलेगा ....!

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  19. दहेज़ की ज्वलत समस्या पर लिखी उम्दा रचना ... वह दूल्हा कहा जो बिकने को तयार न हो ... खरीदार में डिमांड है जब तक भाव ऊँचे ही होंगे

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  20. छांदस आडम्बर से हट कर भाव-प्रधानता के लिये साधुवाद !

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  21. sunder prastuti ..आज की समस्या को बहुत ही खूबसूरत तरीके से उजागर किया है आपने ..सादर

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  22. बहुत ही विषम परिस्थिति है...अद्भुत रचना...

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  23. Nice information
    htts://www.khabrinews86.com

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