Sunday 22 March 2015

साईं क्या है ?*

साईं को लेकर बहुत तू तू ,मैं मैं हो चूका  है l जहाँ वसुधैव कुटुम्बकम की बात की जाती है वहाँ इस प्रकार की बातें हजम नहीं होती !वास्तव में यह वर्चस्य की लड़ाई है ! सामान्य व्यक्ति का इस लड़ाई से कोई सरोकार नहीं है l इसीपर ये पंक्तियाँ है !


यह लड़ाई न समाज की, न धर्म की
यह लड़ाई है स्वार्थ और अहंकार की |
अनादि काल से समाज उनकी बात मानते आये हैं
आज क्यों मानने लगे बात शिर्डी के साईं की ?
साईं न तो गुरु है ,न वह गोबिंद है
गुरु-गोविन्द छोड़ साईं की क्यों पूजा की ?
है यह प्रश्न विवादवाला, विवेक का चुनौतीवाला
राम,कृष्ण,,शंकर के साथ, साईं की क्यों पूजा की ?
पत्थर,पादप,पशु,पक्षी,साँप- पूजा के हिमायती
इंसान के पुजारी से पूछते है,साईं की पूजा क्यों की ?
‘सबके मालिक एक है’ कहते थे साईं सर्वदा
नहीं कहा खुद भगवन है,यही है महानता साईं की |
किया कल्याण हर पीड़ित का ,जिसने शरण में आया
शरणार्थी हो गए भक्त ,किया पूजा गुरु-साईं की |
किया अर्पण अश्रुसिक्त श्रद्धा-सुमन और धन
दिल खोलकर भर दिया झोली एक फ़क़ीर की |
मानव तो क्या कुबेर भी ईर्षा से जल गया
देख देखकर अक्षय खज़ाना एक फ़क़ीर की | 

कालीपद "प्रसाद"

Monday 16 March 2015

सुना है मैंने !


सुना है मैं ने
रब है कण कण में
बोलने की जरुरत नहीं
जान लेते है सब कुछ
जो है तुम्हारे मन में l
गर फूस फुसकर कहोगे
फिर भी उनके श्रव्य से
बच नहीं पायोगे l
अगर यही सच है,
तो यह विरोधाभास क्यों है?
मंदिर में पंडित 
मस्जिद में मुल्ला
क्यों भोंपू लगाकर
ईश्वर अल्लाह को बुलाते है ?
क्या जन कोलाहलों में
ईश्वर अल्लाह बहरे हो गए हैं ?
मेरे पास न बुलंद आवाज़ है 
न मेरे पास कोई भोपू है 
क्या ईश्वर अल्लाह मेरी 
दुर्बल आवाज़ से अनजान है ?

कालीपद "प्रसाद"

Thursday 12 March 2015

सन्त ,साधू और नेता (व्यंग )





पुलिस ढूंढ़ती रही ..चोर उचक्के कहीं नहीं मिले
आश्रम में झंका, सब सन्त-बाबाओं के वेश में मिलेl


होता था सन्तों का सत्संग आश्रम में पहले
एकांतवास में,चेलिओं के बाहों में अब सन्त मिले l

जनता को पाँच साल तक,कोई डाकू लुटेरा नहीं मिले
पांच साल के बाद,व्होट की भीख मांगते सब द्वार पर मिले l

नेता और सन्त ,चोली दामन का है साथ
काली कमाई को सफ़ेद करने ,एकसाथ मिले l

सबके चहरे पर मुखौटे हैं ,नकली है सबके चोले
मुखौटे-चोले उतर गये तो ,अन्दर सब कौवे निकले l 



कालीपद "प्रसाद " 
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