Friday 3 March 2017

गीतिका

आजादी तुम्हे जो मिली उसको न गँवाना
जो तोड़ने की बात करे उसको मनाना |
काश्मीर से दक्षिण कभी कोई न अजाना
मिलकर सभी इस देश में अब जश्न मनाना |
कुछ लोग हवा देते विभाजन बटवारा
होली या बिहू, तुम सभी त्यौहार मनाना |
अरुणाचल से कच्छ तलक भारत अपना
अफ़साने शहीदों की सुना शोक मनाना |
ए देश हमारा है, तुम्हारा है, यही सच
इसकी खुशहाली सदा मिलकर ही मनाना |
@ कालीपद ‘प्रसाद’

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